Saturday, February 12, 2011

********** इन्टरनेट वरदान या अभिशाप**********


आज इन्टरनेट का नाम सभी जानते है, ये नाम हमारे लिए नया नहीं रह गया है! आज ये हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है! इन्टरनेट से हमारा जीवन कितना सरल हो गया है!

लेकिन सवाल ये उठता है कि इन्टरनेट कहते किसे है?

सूचनाओ और दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए टी सी पी /आई पी प्रोटोकॉल का उपयोग कर के बनाया गया नेटवर्क जो वर्ल्ड वाइड नेटवर्क के सिद्धांत पर कार्य करता है उसे इन्टरनेट कहते है!

टी सी पी का अर्थ है ट्रांस्मिस्अन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल

आई पी का अर्थ है इन्टरनेट प्रोटोकॉल



इन्टरनेट कनेक्शन के प्रकार............



१. अनालोग/ डायल उप

२. आई एस डी एन

३. बी आई एस डी एन

४. डी एस एल

५. केबल

६. वायरलेस इन्टरनेट कनेक्शन/ ब्रौद्बबैनेद

७. टी १ लाइन

८. टी ३ लाइन





जिस तरह हर सिक्के के दो पहलु होते है उसी तरह इन्टरनेट के भी है!

इसके कई फायदे और नुकसान भी है! अब ये निर्भर करता है इसका उपयोग करने वाले पर की वो अपने अंदर के इंसान को जगाता है या फिर शैतान को.................सबसे पहले हम इन्टरनेट से होने वाले फायदे के बारे में बात करते है!





इन्टरनेट से फायदे**********



कमुनिकेसन - इन्टरनेट के द्वारा हम काफी दूर बैठे व्यक्ति से बिना किसी अतिरिक शुल्क के घंटो तक बात कर सकते है! सूचनाओ के आदान प्रदान के लिए इ-मेल कर सकते है!
जानकारी - किसी भी तरह की जानकारी हम सर्च इंजन के द्वारा कुछ पल में प्राप्त कर सकते है!
मनोरंजन - ये हमारी बोरियत खतम करने का सबसे अच्छा माध्यम बनकर उभरा है! संगीत प्रेमियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, संगीत, गेम्स,फिल्म इत्यादि बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के डाऊनलोड कर सकते है!
सर्विसिंग – इन्टरनेट पर कई तरह की सुविधाए है जैसे कि आनलाइन बैंकिंग, नौकरी खोज,
रैल्वे टिकेट बुकिंग, होटल रिसर्वेसन इत्यादि सुविधाए घर बैठे मिल जाती है!

इ-कामर्स - ये सुविधा बिसिनेस डील और सूचनाओं के आदान-प्रदान से सम्बंधित है!
शोसल नेटवर्किंग साईट - आजकल इसका चलन बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है! सेलिब्रिटीस तक इसका अपनी बातों को सभी तक पहुचने के लिए जमकर उपयोग कर रहे है! इसके कई फायदे है! अलग अलग विचारों वाले दोस्त बनते है, जिनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है! ये साईट काफी मात्रा में पठनीय सामग्री तक रखे हैं! आज ये अपनी बात दूसरों के सामने रखने का सबसे अच्छा साधन बन रहा है!


इन्टरनेट से नुक्सान**********



व्यक्तिगत इन्फर्मसन की चोरी - व्यक्तिगत इन्फर्मसन की चोरी के कई मामले सामने आये है जैसे की क्रेडिट कार्ड नम्बर, बैंक कार्ड नम्बर इत्यादि की चोरी! इसका उपयोग देश की सुरक्ष्हा व्यवस्था को भेदने के लिए भी किया जाता है
स्पामिंग - ये अवांछनीय ई-मेल होती है जिनका मकसद गोपनीय दस्तावेजों की चोरी करना होता है!
वायरस - इनका उपयोग कंप्यूटर की कार्य प्रणाली को नुक्सानपहुचने के लिए किया जाता है!
पोरोनोग्रफी - ये इन्टरनेट के लिए जहर की तरह है! जिसमे कई लोग समाते चले जाते है! इस तरह की साईट पर ढेरो अश्लील सामग्री रहती है,जिनको देखकर लोग बर्बादी की तरफ अग्रसर हो रहे है और इस तरह का व्यापर चलाने वाले अच्छी आमदनी कर रहे है! ये हमारे समाज में जहर की तरह घुल रहा है! बच्चे इसको देखकर बर्बाद हो रहे है जिससे वो कई तरह के अपराध कर डालते है छोटी सी उम्र में ही जिसका परिणाम बेहद ही खतरनाक होता है! इसे रोकने के लिए सख्त नियम बन्ने चाहिए!
पाइरेसी - इससे काफी नुकसान हो रहा है आई.टी. जगत और फिल्म नगरी को! कोई भी सॉफ्टवेर या मूवी हो इस पर बिना कोई कीमत दिए मुफ्त में मिल जाता है, तो फिर कोई पैसे क्यों लगाये, ये तभी रुक सकता है जब सर्कार ऐसी वेबसाइटस पर ही पाबन्दी लगा दे अन्येथा ये कभी रुकने वाली नहीं है!

" जिस प्रकार सागर मनथन से विष और अमृत निकले थे, ठीक उसी प्रकार इन्टरनेट पर भी ये दोनों ही है, अब ये उपयोगकर्ता पर निर्भर करता है की वो क्या लेता है विष या अमृत! इन्टरनेट से अगर आप बन सकते है तो बिगड भी सकते है! जिस तरह एक सिक्के के दो पहलु होते है उसी तरह इन्टरनेट के भी है इसलिए अच्छा वाला ग्रहण किया जाये और बुरा वाला त्याग किया जाये, ये हमारे और हमारे देश दोनों के लिए अच्छा है! ’’

********** ऐसी वाणी बोलिए **********


आज मैं एक पत्रिका के एक लेख और अपने विचार आप सभी लोगो के साथ शेयर करना चाहता हूँ, तो लीजिए प्रस्तुत है वो लेख जिसका शीर्षक है

" ऐसी वाणी बोलिए "............


कबीरदास जी ने कहा है.......

ऐसी वाणी बोलिए, मन का आप खोये ,

औरन को शीतल करे आपहूँ शीतल होए !


वाणी से ही समस्त कार्य कार्य साढ़े जाते है और वाणी से ही बिगड जाते है! मीठी वाणी जहाँ व्यक्ति को सम्मान का पात्र बनाती है, वही अप्रिय वाणी व्यक्ति को नीचा दिखने पर विवश कर देती है! मुह से निकली गाली या अपशब्द सामने वाले को कित्तना आहात करते है ये तो पता नहीं, मगर हाँ , इससे हमारी जुबान जरुर गन्दी होती है! अक्सर लोग बातो-बातो में किसी को गली दे देते है,

पर शायद ये नहीं सोचते की जो अपशब्द हम सामने वाले व्यक्ति को कह रहे है, उनको सुनकर सामने वाले व्यक्ति पर क्या गुजरती होगी! अगर सामने वाला व्यक्ति भी आप जैसे मानसिक स्तर का है, तो उस पर गली का कोई फर्क नहीं पड़ेगा! संभव हो की वह आपसे भी अच्छी क्वालिटी की गालियाँ देकर अपने हदय को शांति दे दे! अगर कोई आपकी गली का जवाब गली से नहीं दे रहा , तो इसका मतलब ये नहीं की उसे गली नहीं आती या वो कमजोर है या डरता है! हो सकता है , वह आपका लिहाज करता हो या आदर या उसके संस्कार उसे ऐसा करने से रोकते हो!ऐसे में आपका फर्ज बनता है की आप अपने सम्मान को बनाये रखे और दुसरे का भी! अगर किसी की बात बुरी लगती है तो उसे एक अछे तरीके से समझाए की ये बात गलत है न की अपशब्द बोलकर!

अगर आप सम्मान या आदर सामने वाले से चाहते है तो आपको भी पूरा सम्मान करना होगा, वरना सम्मान या आदर की इच्छा भी नहीं करनी चाहिए, आपको ऐसी इच्छा रखने का बिलकुल भी हक नहीं बनता!

वैसे भी लुटाना तो एक बहाना है कुछ पाने का, ठीक इसी प्रकार सम्मान देना एक बहाना है सम्मान पाने का! और ये मेरा कहना नहीं है ये एक " सत्य " है जो सभी को मानना चाहिए, जो की एक महापुरुष ने मुझसे कहा है!

मेरा मानना है की किसी को दुःख देना इस संसार का सबसे सरल कार्य है पर खुशी के दो पल किसी को देना काफी मुश्किल, किन्तु नामुकिन बिलकुल भी नहीं इसलिए हमेशा दूसरों तक अपनी बात पहुचाने के लिए मीठी वाणी का ही सहारा लेना चाहिए अपशब्दों का नहीं!

कबीरदास जी के इस दोहे को एक महा मंत्र मानकर सभी को पूरी तत्परता के साथ इसका पालन करना चाहिए, और इसकी शुरुआत हमें अपने से ही करनी होगी.......


हम सुधरेंगे, जग सुधरेगा............


जय भारत

********** SEXUAL HARASSMENT **********

It is defined as Unwanted behavior of a sexual nature.



Sexual harassment includes many things...

Actual or attempted rape or sexual assault.
Unwanted pressure for sexual favors.
Unwanted deliberate touching, leaning over, cornering, or pinching.
Unwanted sexual looks or gestures.
Unwanted letters, telephone calls, or materials of a sexual nature.
Before some time ago Delhi police reported a case against an IFS officer after 22 years old woman claimed that he sexually harassment in Kenya where he was working at the mission as its deputy commissioner.

A 22 yrs old woman hailing from Jharkhand has claimed that IFS officer had sexually assaulted during their stay in Kenya between 2007 to 2010.

A police officer informed to media that a case under sec. 506 (criminal intimidation) and 376 (rape case) of IPC (Indian Penal Code) has been registered against Mr. ketan Shukla a 1986 batch IFS officer, who is currently posted in Ahemdabad.



Some years ago in Kanpur a case have come in existence of first side love. After rejected proposal by a girl named Aarti, her lover through acid on her face. Whole face of Aarti have burnt.

In this case police does not take any proper action but due to interference of media police registered a case against that man.



A very highlighted case of Aarushi double murder case. Again Police and CBI failed to reach at proper judgment. Proof of murder place says other story , DNA report says other story, someone says her father was involved in that crime someone says her servant involved but nobody have proper information about this case and also CBI have not reached at sufficient result. No body knows whats the truth.



In Kanpur, at Chandni Nursing Home ward boy raped a patient in hospital room due to this she have died , whole members of this hospital was involved in this crime, first day this news published in front page of news paper, as time have passed this news is shifted to 1 1st page to 2nd page and vice versa at the end out of newspaper and case file also closed no judgment yet.



There are many sexual assault like as Ruchika case, sexual harassment by Indian Hockey Team coach MK Kaushik and many more.





It is very shameful for our . Today there is no meaning of relations . No one safe in home and outside home. Today’s no one have respect and love for others .We are become selfish . Nobody thinks for others .



Such type of crimes are only due to the influence of foreign culture.



The day is not so far when we will be become completely animal.



This time is for wake up , situation can be handled .



In the last I want answer of these questions…….



Iis foreign culture better than Indian culture??????????



Every one adopted foreign culture , I ask why?????????????

**** भारतीय वर्तमान शिक्षा प्रणाली ****

किसी देश का विकाश उस देश की शिक्षा प्रणाली पर निर्भर होता है, क्योंकि देश की उन्नति के लिए हर व्यक्ति जिम्मेदार है और वो ही देश को अपने ज्ञान, संस्कार और अछे आचरण के जरिये देश को बुलंदियों पर पंहुचा सकता है! आज का शिक्षित वर्ग ही देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चला सकता है किन्तु अगर शिक्षा प्रणाली ही ठीक न हुई तो उस देश का भविष्य अंधकारमय हो सकता है, आज जरुरत है एक अच्छी शिक्षा प्रणाली की जिससे ज्ञानवान और एक अछे आचरण वाला व्यक्ति बन सके!



आज हमारा देश अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है| आतंकवाद, भ्रष्टाचार, क्षेत्रवाद, साम्प्रदायिकता आदि इनमे प्रमुख हैं|



सरकारी विद्यालय- आंकड़ों के अनुसार के भारत में लघभग ६१% लोग शिक्षित हैं परन्तु इनमे से ज़्यादातर लोग ठीक से अपना नाम भी नहीं लिख पाते| आज कल सरकारी विद्यालयों की जो स्तिथि है वो सभी जानते है, विद्यालय के नाम पर एक जर्जर कमरा, अध्यापको की कमी,कई विद्यालयों में तो हिंदी के अध्यापक विज्ञानं जैसे विषय की शिक्षा दे रहे है, अच्छी शिक्षा के नाम पर कोई भी सुविधा नहीं तो ऐसे विद्यालयों में कल का सुनहरा भविष्य कैसे तैयार हो सकता है, निजी विद्यालयों में शिक्षा तो अच्छी है पर संस्कार नहीं दिए जाते, अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के काफी विद्यार्थियों को ही देख लिया जाये तो ज्ञान के आधार पर काफी आगे पर संस्कारो के नाम पर काफी पीछे!



आरक्षण- आज ये नीति सिर्फ राजनीति करके वोट बैंक बनाने का एक जरिया बन गयी है| शिक्षा में आरक्षण देना बिलकुल भी सही नहीं है अगर उनकी मदद ही करनी है तो शुल्क मुक्ति कर दी जाये किन्तु ज्ञान के आधार पर सभी को एक समान देखना चाहिए तभी सभी की उन्नति है!



पाठ्यक्रम- आज देश में इस बात पर जोर दिया जाता है की "क्या सोचना है" बजाय इसके कि "कैसे सोचना है"| विद्यालयों में भी ज्यादा जिज्ञासा को बढ़ावा नहीं दिया जाता| जो शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहा है उसे रट लो, उसी में से सवाल आयेंगे| लोगो का मुख्य लक्ष्य ज्ञान पाना नहीं बल्कि अंक लाना हो गया है| प्रतियोगी कक्षाओं से ही बच्चों को समय नहीं मिलता| आज शिक्षा के मायने ही बदल गए है! बस हर तरफ दौड़ लगी है, की हमें उनसे जयेदा अंक लाने है, ये अछि बात है लेकिन जोर केवल अंक लाने पर ही नहीं देना चाहिए, साथ ही ज्ञान को भी बढ़ाना चाहिए! आप अगर अंक ले भी आये तो सोचिये ऐसे अंक का क्या मतलब की ज्ञान न हो! अगर कुछ करना ही है तो ज्ञान को बढ़ाना चाहिए! अंक तो सभी ले आते है पर उसका सही ज्ञान कितनो को होता है, ये सभी जानते है! देश में बढ़ते अपराध, आत्महत्या ये सब इन्ही कारणों की वजह से हो रही है! जयेदा अंक ला कर इछाये बढ़ जाती है और उचित ज्ञान ना होने की वजह से वो इन्हें पूरा नहीं कर पाता और इसका परिणाम होता है की वो अपराध करने लगता है और अंधकार की तरफ अग्रसर हो जाता है! माता-पिता अपनी इछाये थोपने लगते है की मेरे बेटे या बेटी को इंजिनियर बनना है या डॉक्टर, वो ये सोचते है की पडोसी का बेटा या बेटी है तो मेरा क्यों नहीं? ये नहीं सोचते की ये सब बन्ने की उसकी छमता है या नहीं, बस मजबूर कर देते है, कभी भी ये नहीं देखते की वो किसमें जाना चाहता है! अगर उसे ही उसमे इंटरेस्ट नहीं है तो क्या वो सफल हो पायेगा? नहीं कभी भी नहीं!|



नतीजे- आज शोध में हमारा देश काफी पीछे रहता है| इसका मुख्य कारन ये है की हमारी शिक्षा व्येवस्था जहाँ केवल अंक लेन पर जोर है प्रायोगिक ज्ञान न के बराबर! इसी वजह से हमारा देश शोध कार्यों में दुसरे देशो से काफी पीछे है!



सुझाव- अब इन सब समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव जिनपर विचार होना चाहिए :

१) सरकारी स्कूलों में कठोरता से कार्य मूल्यांकन तथा लापरवाही पर दंड!

२) अगर सरकारी विद्यालय ठीक से काम नहीं कर रहे तो निजी विद्यालयों को अधिकार देना!

३) नीतियों में बदलाव जिस से आरक्षण का लाभ वाकई में पिछड़े लोगों को मिले!

४) शिक्षा पाठ्यक्रम को ऐसा बनाना चाहिए जो जिज्ञासा और ज्ञान वर्धन को बढ़ावा दे, न कि सिर्फ अंक लाने को!

५) अभिवावाको में बाल मनोविज्ञान की जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम!

६) मानविकी, सामाजिक विज्ञान एवम अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसरों का विकास!

७) सबसे महत्वपूर्ण है देश में शोध को बढ़ावा देना| इसके लिए अच्छे संस्थानों को ज्यादा पैसा देने के अलावा शोध के क्षेत्र को अफसरशाही से मुक्त करना, तथा अच्छा कार्य करने वाले को उचित सम्मान तथा सहयोग देना पड़ेगा|



उपरोक्त किसी भी कथन से मेरा अभिप्राय ये बिलकुल भी नहीं है की मैं इसके विरोध या समर्थ में हूँ, बस जो सही है मैं उसके समर्थन में हूँ, यद्यपि मेरे किसी कथन से किसी को कोई आघात होता है तो छमा चाहूँगा!



धन्यवाद!

Friday, January 15, 2010

alamode

Hello friend.

I myself Mahendra gaur.