Saturday, February 12, 2011

**** भारतीय वर्तमान शिक्षा प्रणाली ****

किसी देश का विकाश उस देश की शिक्षा प्रणाली पर निर्भर होता है, क्योंकि देश की उन्नति के लिए हर व्यक्ति जिम्मेदार है और वो ही देश को अपने ज्ञान, संस्कार और अछे आचरण के जरिये देश को बुलंदियों पर पंहुचा सकता है! आज का शिक्षित वर्ग ही देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चला सकता है किन्तु अगर शिक्षा प्रणाली ही ठीक न हुई तो उस देश का भविष्य अंधकारमय हो सकता है, आज जरुरत है एक अच्छी शिक्षा प्रणाली की जिससे ज्ञानवान और एक अछे आचरण वाला व्यक्ति बन सके!



आज हमारा देश अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है| आतंकवाद, भ्रष्टाचार, क्षेत्रवाद, साम्प्रदायिकता आदि इनमे प्रमुख हैं|



सरकारी विद्यालय- आंकड़ों के अनुसार के भारत में लघभग ६१% लोग शिक्षित हैं परन्तु इनमे से ज़्यादातर लोग ठीक से अपना नाम भी नहीं लिख पाते| आज कल सरकारी विद्यालयों की जो स्तिथि है वो सभी जानते है, विद्यालय के नाम पर एक जर्जर कमरा, अध्यापको की कमी,कई विद्यालयों में तो हिंदी के अध्यापक विज्ञानं जैसे विषय की शिक्षा दे रहे है, अच्छी शिक्षा के नाम पर कोई भी सुविधा नहीं तो ऐसे विद्यालयों में कल का सुनहरा भविष्य कैसे तैयार हो सकता है, निजी विद्यालयों में शिक्षा तो अच्छी है पर संस्कार नहीं दिए जाते, अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के काफी विद्यार्थियों को ही देख लिया जाये तो ज्ञान के आधार पर काफी आगे पर संस्कारो के नाम पर काफी पीछे!



आरक्षण- आज ये नीति सिर्फ राजनीति करके वोट बैंक बनाने का एक जरिया बन गयी है| शिक्षा में आरक्षण देना बिलकुल भी सही नहीं है अगर उनकी मदद ही करनी है तो शुल्क मुक्ति कर दी जाये किन्तु ज्ञान के आधार पर सभी को एक समान देखना चाहिए तभी सभी की उन्नति है!



पाठ्यक्रम- आज देश में इस बात पर जोर दिया जाता है की "क्या सोचना है" बजाय इसके कि "कैसे सोचना है"| विद्यालयों में भी ज्यादा जिज्ञासा को बढ़ावा नहीं दिया जाता| जो शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहा है उसे रट लो, उसी में से सवाल आयेंगे| लोगो का मुख्य लक्ष्य ज्ञान पाना नहीं बल्कि अंक लाना हो गया है| प्रतियोगी कक्षाओं से ही बच्चों को समय नहीं मिलता| आज शिक्षा के मायने ही बदल गए है! बस हर तरफ दौड़ लगी है, की हमें उनसे जयेदा अंक लाने है, ये अछि बात है लेकिन जोर केवल अंक लाने पर ही नहीं देना चाहिए, साथ ही ज्ञान को भी बढ़ाना चाहिए! आप अगर अंक ले भी आये तो सोचिये ऐसे अंक का क्या मतलब की ज्ञान न हो! अगर कुछ करना ही है तो ज्ञान को बढ़ाना चाहिए! अंक तो सभी ले आते है पर उसका सही ज्ञान कितनो को होता है, ये सभी जानते है! देश में बढ़ते अपराध, आत्महत्या ये सब इन्ही कारणों की वजह से हो रही है! जयेदा अंक ला कर इछाये बढ़ जाती है और उचित ज्ञान ना होने की वजह से वो इन्हें पूरा नहीं कर पाता और इसका परिणाम होता है की वो अपराध करने लगता है और अंधकार की तरफ अग्रसर हो जाता है! माता-पिता अपनी इछाये थोपने लगते है की मेरे बेटे या बेटी को इंजिनियर बनना है या डॉक्टर, वो ये सोचते है की पडोसी का बेटा या बेटी है तो मेरा क्यों नहीं? ये नहीं सोचते की ये सब बन्ने की उसकी छमता है या नहीं, बस मजबूर कर देते है, कभी भी ये नहीं देखते की वो किसमें जाना चाहता है! अगर उसे ही उसमे इंटरेस्ट नहीं है तो क्या वो सफल हो पायेगा? नहीं कभी भी नहीं!|



नतीजे- आज शोध में हमारा देश काफी पीछे रहता है| इसका मुख्य कारन ये है की हमारी शिक्षा व्येवस्था जहाँ केवल अंक लेन पर जोर है प्रायोगिक ज्ञान न के बराबर! इसी वजह से हमारा देश शोध कार्यों में दुसरे देशो से काफी पीछे है!



सुझाव- अब इन सब समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव जिनपर विचार होना चाहिए :

१) सरकारी स्कूलों में कठोरता से कार्य मूल्यांकन तथा लापरवाही पर दंड!

२) अगर सरकारी विद्यालय ठीक से काम नहीं कर रहे तो निजी विद्यालयों को अधिकार देना!

३) नीतियों में बदलाव जिस से आरक्षण का लाभ वाकई में पिछड़े लोगों को मिले!

४) शिक्षा पाठ्यक्रम को ऐसा बनाना चाहिए जो जिज्ञासा और ज्ञान वर्धन को बढ़ावा दे, न कि सिर्फ अंक लाने को!

५) अभिवावाको में बाल मनोविज्ञान की जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम!

६) मानविकी, सामाजिक विज्ञान एवम अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसरों का विकास!

७) सबसे महत्वपूर्ण है देश में शोध को बढ़ावा देना| इसके लिए अच्छे संस्थानों को ज्यादा पैसा देने के अलावा शोध के क्षेत्र को अफसरशाही से मुक्त करना, तथा अच्छा कार्य करने वाले को उचित सम्मान तथा सहयोग देना पड़ेगा|



उपरोक्त किसी भी कथन से मेरा अभिप्राय ये बिलकुल भी नहीं है की मैं इसके विरोध या समर्थ में हूँ, बस जो सही है मैं उसके समर्थन में हूँ, यद्यपि मेरे किसी कथन से किसी को कोई आघात होता है तो छमा चाहूँगा!



धन्यवाद!

9 comments:

  1. it is good for every chidren of india........

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  2. very nice mr.gour can you send your number

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  3. Jindgibhar very nice kahne se kuch nahi hoga badlav chahiye

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  5. बहुत बढ़िया बात कही आपने आज की शिक्षा व्वस्था में बदलाव बहुत ज़रूरी है

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  6. I get influenced by your words
    But sir can you please send this to our Prime Minister

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  7. Please sent this to prime minister

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